गुरुवार, 20 मार्च 2014


 

आज फिर मुरादाबाद में कुन्दरकी के यादव SO ने अपने घर के नौकर को गोली मार दी. समाजवादी पार्टी ने इन मुस्लिम और यादव अधिकारियों को एक मौका दिया था अपनी काबलियत और प्रशासनिक कुशलता साबित करने के लिये। पर ये भूल गये कि इन्हें जिस सामाजिक न्याय की राजनीति ने मुख्यधारा में लाने का सुनहरा अवसर दिया है, उसके लिए उन्हें मुलायमसिंह यादव का शुक्रिया अदा करना चाहिए था, क्योंकि एक लम्बे संघर्ष के बाद उन्हें यह अधिकार मिला है. अतः इन मुस्लिम और यादव अधिकारियों का कर्तव्य बनता था कि वे अपने आप को योग्य और कुशल साबित करते.  पर इन्होंने ईमानदारी से जनता के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के बजाय पर चलने के बजाय मन्त्रियों और विधायकों की सेवा में लगे रहना ज्यादा बेहतर समझा। क्या फर्क पड़ता, अगर ये मन्त्रियों के गलत आदेशों को मानने से इनकार कर देते?  अधिक-से-अधिक इनका स्थानान्तरण ही तो हो जाता। पर, एक ईमानदार और कुशल प्रशासक के रूप में जनता पर अपनी छाप छोड़ जाते। लेकिन इन्होंने सोचा कि यही मौका है, जितना कमाया जा सकता है, कमा लो और मन्त्रियों की गुलामी करके जितनी तरक्की मिल सकती है, ले लो। इन्होंने यह नहीं सोचा कि ऐसा करके वे अपने आप को अपराधी बना रहे हैं और प्रशासन के क्षेत्र में अपने आप को अयोग्य साबित कर रहे हैं। ऐसा करके इन्होंने अपना भविष्य तो खराब किया ही है, समाजवादी पार्टी का भी बेड़ा गर्क कर दिया।

कोई टिप्पणी नहीं: