मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012


मलाला तुम मर नहीं सकतीं 
कँवल भारती 


तालिबान तुम से  डर गया मलाला 
तुम्हारी तहरीक ने तालिबान को परास्त कर दिया
तुमने इस्लाम को बचा लिया। 
तुम इस्लाम की अप्रितम योद्धा हो 
तुम नहीं मर सकतीं मलाला 
तुम पाक के मुस्लिम इतिहास में हमेशा जीवित रहोगी 
जैसे भारत के हिन्दू इतिहास में शम्बूक जीवित है। 
तुमने तालिबान की वर्ण व्यवस्था को ललकारा है, 
जो ख्वातीन की शिक्षा पर पाबन्दी लगाती है, ठीक उसी तरह 
जैसे शम्बूक ने ललकारा था रामराज्य की वर्ण व्यवस्था को,
जिसमें शूद्रों की शिक्षा पर पाबन्दी थी। 
तालिबान भयभीत था कि अगर लड़कियां पढ़ गयीं, 
तो मुस्लिम समाज बेदार हो जायेगा 
जिसे वह चाहता था अँधेरे में रखना। 
ठीक ऐसे ही रामराज्य  का ब्राह्मण भयभीत था कि अगर शूद्र पढ़ गये, 
तो उसमें ज्ञानोदय हो जायेगा और वह गुलामी छोड़ देगा। 
तुम जानती हो मलाला,
जो तुमने किया वही शम्बूक ने किया था।
तुमने नहीं माना तालिबान के फरमान को, 
और स्कूल जा कर उलट दी  उसकी व्यवस्था
ऐसे ही  शम्बूक ने उलट दी थी
स्थापित कर देह की भौतिक व्यवस्था।
तिलमिलाया था ब्राह्मण, 
जैसे तालिबान तिलमिलाया तुम से।
शम्बूक ने की थी रामराज्य में बगावत 
जैसे तुमने की तालिबान के राज से बगावत। 
तुम खतरा बन गयीं थीं तालिबान की सत्ता  के लिए, 
ऐसे ही शम्बूक बन गया था ब्राह्मण की सत्ता के लिए खतरा।
ब्राह्मण की सत्ता बचाने के लिए
राम को मारना पड़ा था शम्बूक को,
जैसे तालिबान को तुम्हे मारना पड़ा
अपनी सत्ता बचाने के लिए। 
लेकिन तुम मरोगी नहीं मलाला,
मरेगा तालिबान।
तुमने झकझोर दिया है कोमा में पड़े पाकिस्तान को 
जगा दिया औरतों को, 
जागृत हो तुम अब हर मुसलमान लड़की में।
जैसे शम्बूक अब हर शूद्र में जागृत है
अस्मिता और स्वाभिमान के रूप में। 
तुम भी मलाला हमेशा जीवित रहोगी 
मुस्लिम लड़कियों में अस्मिता और स्वाभिमान की 
मशाल बन कर।
                  
                                           कँवल भारती  

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